वाशिंगटन : अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने कोरोना वायरस के मरीजों(Coronavirus patients)के इलाज के लिए रक्त प्लाज्मा के उपयोग के लिए आपात मंजूरी दी है और कहा कि इस उपचार के फायदे किसी भी संभावित जोखिम से अधिक हैं। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने रविवार को कहा कि देश में कोन्वलसेंट प्लाज्मा(Blood plasma)से 70,000 से अधिक मरीजों का उपचार किया गया और यह प्लाज्मा कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके लोगों के रक्त से लिया जाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump)ने चार दिवसीय रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एफडीए के इस कदम का स्वागत किया। इस सम्मेलन में राष्ट्रपति पद के लिए तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए ट्रंप को फिर रिपब्लिकन उम्मीदवार नामित किया जाएगा। ट्रंप ने व्हाइट हाऊस की ब्रीफिंग में कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज मैं चाइना वायरस के खिलााफ अपनी लड़ाई में एक वाकई ऐतिहासिक घोषणा करने के लिए खुश हूं क्योंकि यह अनगिनत जिंदगियां बचाएगी।” उन्होंने कहा, ‘‘ आज के इस कदम से इस उपचार तक पहुंच बढ़ जाएगी। ” जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि कोन्वलसेंट प्लाज्मा का इस्तेमाल अब भी प्रायोगिक उपचार है।

डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोन्वलसेंट प्लाज्मा के संदर्भ में दुनियाभर में अभी कई क्लीनिकल परीक्षण चल रहे हैं। भारत की बालचिकित्सक और तपेदिक एवं एचआईवी पर शीर्ष शोधकर्ता स्वामीनाथन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ असल में, उनमें से महज कुछ के अंतरिम परिणाम ही आये हैं… और फिलहाल, इसका साक्ष्य बहुत कम गुणवत्ता वाला है।” उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अब भी मानता है कि प्लाज्मा थेरेपी प्रायोगिक दौर में है और उसका मूल्यांकन जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस उपचार को मानक रूप देना मुश्किल है क्योंकि लोगों में अलग अलग स्तर पर एंटीबॉडीज बनता है और प्लाज्मा का संग्रहण उबर चुके मरीजों से व्यक्तिगत रूप से होना चाहिए। प्लाज्मा उपचार पर अपनी घोषणा से एक दिन पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने एफडीए पर इस बीमारी के लिए टीके और उपचार में राजनीतिक वजह से बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने ट्वीट किया था, ‘‘ एफडीए में निहित स्वार्थी तत्व या जो भी है, वह दवा कंपनियों के लिए लोगों पर टीके या उपचार के परीक्षण में बाधा खड़ी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘ स्पष्टत: वे (अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पूरा हो जाने तक) देरी की आस कर रहे है।”

एफडीए ने विज्ञप्ति में कहा कि कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में अपने प्रयास के तहत उसने अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों पर प्लाज्मा के जांच संबंधी उद्देश्य के लिए उसके आपात उपयोग की मंजूरी दी है। उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर एफडीए इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यह उत्पाद कोविड-19 के उपचार में प्रभावी हो सकता है और ‘‘उसके ज्ञात और संभावित फायदे उसके ज्ञात और संभावित जोखिम से अधिक हैं।” जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में कोरोना वायरस से 1,76,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है तथा देश में अब तक 57 लाख लोग उससे संक्रमित हुए हैं। अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स एजार ने कहा ‘‘कोन्वलसेंट प्लाज्मा के लिए एफडीए की आपात मंजूरी कोविड-19 से जिंदगियां बचाने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयास में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।” हालांकि कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अब तक के प्लाज्मा अध्ययनों की मजबूती के बारे में अपनी आपत्ति प्रकट की है जिनमें कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस के कार्यबल के सदस्य एंटनी फॉसी भी हैं। जार्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर (मेडिसीन) डॉ. जोनाथन रीनर ने कहा, ‘‘ समस्या यह है कि हमारे पास इस बात के पर्याप्त आंकड़े नहीं है कि कोन्वलसेंट प्लाज्मा कितना प्रभावी है।


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