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मुंबई : लोकल ट्रेनों में कोरोना संक्रमण के डर से अभी तक सामान्य यात्रियों को अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में बेस्ट की बसों के आंकड़े राहत पहुंचाने के साथ ही प्रशासन को जल्द यह फैसला करने को मजबूर कर सकते हैं कि लोकल में भी पब्लिक को मंजूरी दी जाए। बेस्ट की बसों में अब रोज करीब 24 लाख यात्री सफर कर रहे हैं। लोकल ट्रेनों में फिलहाल इससे 9 लाख कम यात्री सवार होते हैं। बेस्ट के कर्मचारियों का कोरोना से रिकवरी रेट भी 97 प्रतिशत हो चुका है।
बेस्ट प्रशासन अभी 4,445 बसें चला रहा है। एक बस से औसतन 10 सर्विस चलाई जा सकती हैं और एक बस में करीब 50 यात्रियों को सर्विस दी जा रही है। यह बसों में बैठने की क्षमता से ज्यादा है। इसके बावजूद मुंबई में संक्रमण के आंकड़े लगातार कम हो रहे हैं। इस लिहाज से 1,200 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली लोकल ट्रेनों में भी सामान्य यात्रियों को अनुमति दी जा सकती है।
बेस्ट की बसों में शत प्रतिशत क्षमता से यात्री बिठाए जा रहे हैं। गलियारे में भी यात्री खड़े रहते हैं। भीड़ वाले घंटों में खचाखच भरी बेस्ट बसें अब पहले की तरह आम हो गई हैं। बेस्ट के जनसंपर्क अधिकारी मनोज वराडे के अनुसार, 'अभी बेस्ट की अपनी, वेट लीज और एमएसआरटीसी की बसों को मिलाकर 4,445 बसें चल रही हैं। इनमें रोज करीब 24 लाख यात्री सफर कर रहे हैं।'
सुबह और शाम के के पीक आवर्स में ऑफिस जाने-लौटने वालों को बेस्ट की बस पकड़ने के लिए 45-60 मिनट तक लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ता है। लोकल ट्रेनों में नॉन पीक आवर्स में महिलाओं को सफर करने की अनुमति दे दी गई थी। अब सामान्य लोगों को भी लोकल में मंजूरी का इंतजार है।

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