मुंबई : बिजली बिलों को लेकर ठाकरे सरकार आम आदमी को जोर का झटका देने जा रही है। सरकारी बिजली कंपनी महावितरण ने 71.68 लाख ग्राहकों को बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस भेजा है। नोटिस में साफ कहा गया है कि बिल भरो, वर्ना कनेक्शन काट दिया जाएगा। पहली फरवरी से कनेक्शन काटने का काम कर्मचारी शुरू करेंगे। कोरोना काल के दौरान सरकारी व निजी बिजली कंपनियों के बिलों से आम आदमी की नींद हराम हो गई थी। लोगों के बिल कई गुना ज्यादा आए। उनके भी जिनकी दुकान, मकान, कार्यालय और कारखाने बंद थे।

बिलों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, ऊर्जा मंत्री नितिन राउत सहित तमाम नेताओं ने आम आदमी को बिजली के बिलों में राहत देने के वादे किए। यहां तक कि 1,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सामने रखा गया। उस वक्त सरकार ने बिजली कंपनियों को आदेश दिया कि किसी के कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे। सरकार की तरफ से कहा गया कि जिनके बिल ज्यादा आए हैं, उन्हें सरकार राहत देगी। हालांकि कोविड से पहले ऊर्जा मंत्री ने ऐलान किया था कि 100 यूनिट तक बिजली बिल मुफ्त कर देंगे। अब वह खामोश हैं। कोविड काल के बाद ठाकरे सरकार ने 300 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने की बात कही थी, अब वह भी मौन हैं।

आम आदमी जब बिजली के बिलों से परेशान था, तब विरोधी दल बीजेपी, मनसे सहित अन्य ने आंदोलन किया था। राज ठाकरे ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से गुहार लगाई, तो उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने के लिए कहा। इस पर शिवसेना ने दबीं जुबान से नाराजगी व्यक्त की थी कि राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं या फिर शरद पवार। एनसीपी के साथ रहने वाले किसान नेता राजू शेट्टी ने हाल ही में ठाकरे सरकार को धमकी दी कि वे किसानों के बिजली कनेक्शन काट कर दिखाएं? अब शेट्टी पर सभी की नजरें टिकी हैं कि वह क्या करते हैं, क्योंकि बीजेपी और मनसे मौन है। 

सरकारी बिजली कंपनी महावितरण के अनुसार, दिसंबर 2020 के आखिर तक लगभग 60,000 करोड़ रुपये बिलों का बकाया है। यह पैसा वसूल नहीं किया गया, तो महावितरण बिजली सप्लाई नहीं कर सकेगी। कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार, बिजली के बिलों का भुगतान किसान नहीं कर रहे हैं। कृषि पंप ग्राहकों पर कंपनी का 45,498 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि व्यावसायिक, औद्योगिक और घरेलू पर 8,485 करोड़ रुपये बकाया है। इसके साथ ही ज्यादा बिजली खपत करने वाले उच्चवर्गीय ग्राहकों पर भी 2,435 करोड़ रुपये बिल बकाया है।

जो बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, ऐसे लोगों को महावितरण 15 दिसंबर से ही प्रत्यक्ष तौर से या एसएमएस के माध्यम से नोटिस भेज रहा है। नोटिस में साफ कहा गया है कि अगर 15 दिनों के अंदर बिजली बिल नहीं भरा गया, तो कनेक्शन काट दिया जाएगा। सबसे ज्यादा नोटिस पुणे विभाग के ग्राहकों को भेजे गए हैं। यहां 24,14,868 लोगों को एसएमएस के माध्यम से नोटिस भेजा गया है। सबसे कम नोटिस औरंगाबाद विभाग के ग्राहकों को भेजा गया है। यहां 9,97,397 नोटिस भेजे गए हैं। विदर्भ क्षेत्र में 16,79,984 ग्राहकों को नोटिस भेजा गया है।


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