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मुंबई, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत का मानना है कि दादरा-नगर हवेली के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर ने मुंबई आकर इसलिए आत्महत्या की, ताकि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार मरने के बाद उन्हें न्याय दिला सके। उन्हें अपने केंद्रशासित राज्य में न्याय पाने का भरोसा नहीं था। सचिन सावंत ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के दो अन्य सदस्यों के साथ यह बात राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कही। उन्होंने गृहमंत्री को दो पृष्ठों का एक ज्ञापन भी भेजा है। सावंत का कहना है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का काम होता है देश के लिए कानून बनाना, लेकिन देलकर इतने असहाय हो गए कि उन्होंने अपने ही जीवन का अंत कर लिया।

सावंत ने गृहमंत्री देशमुख से अपील की कि मुंबई के एक होटल में देलकर की आत्महत्या की मुंबई पुलिस द्वारा गहन जांच की जानी चाहिए। उन्होंने संभवतः इसीलिए मुंबई आकर आत्महत्या की, क्योंकि उन्हें अपने केंद्रशासित राज्य में मौत के बाद न्याय पाने का भरोसा नहीं था। उन्हें यह उम्मीद रही होगी कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार उन लोगों को सजा दिलाएगी, जिनके कारण उन्हें आत्महत्या करने पर बाध्य होना पड़ा।

सात बार लोकसभा के लिए चुने गए दादरा-नगर हवेली के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर ने सोमवार को दक्षिण मुंबई के एक होटल में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को उनके होटल के कमरे से 15 पृष्ठों का गुजराती में लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला है। कांग्रेस का कहना है कि इस सुसाइड नोट में देलकर ने भाजपा के कुछ बड़े नेताओं का नाम लिया है। पिछले वर्ष लोकसभा में भाषण देते हुए भी उन्होंने दादरा-नगर हवेली के प्रशासक व गुजरात के पूर्व राज्यमंत्री प्रफुल के पटेल का नाम लिया था। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कांग्रेस सदस्यों को आश्वासन दिया है कि वह मुंबई पुलिस को इस मामले की गहराई से जांच करने के निर्देश देंगे।


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