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मुंबई : एक्सप्लानेड कोर्ट ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस ब्रिज हादसा मामले में गिरफ्तार आरोपी इंजिनियर नीरज कुमार देसाई को मंगलवार को २५ मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। नीरज के खिलाफ आजाद मैदान पुलिस ने सीएसएमटी ब्रिज हादसा मामले में जिम्मेदार मानते हुए सोमवार को गिरफ्तार किया था। ४६ वर्षीय नीरज परिवार समेत साकीनाका में रहता है, जहां से उसकी गिरफ्तारी हुई थी। आरोप है कि नीरज की कंपनी ने कथित तौर पर इस पुल का ढांचागत निरीक्षण किया था और ढांचे में कमी होने के बावजूद इसे इस्तेमाल के लिए सुरक्षित घोषित किया था। सोमवार को जोन-१ के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने प्रेस वार्ता आयोजित कर नीरज की गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया को दी।

त्रिमुखे ने कहा कि सीएसएमटी ब्रिज का स्ट्रक्चरल ऑडिट आरोपी इंजिनियर नीरज कुमार देसाई ने किया था। इस संबंध में आजाद मैदान पुलिस ने आइपीसी की धारा ३०४ (पार्ट-ए) के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस ने जांच के दौरान देसाई की भूमिका को और अधिक गंभीर पाया। इस वजह से उसके खिलाफ दर्ज आईपीसी की धारा ३०४ (पार्ट-१) को बदल कर ३०४ (पार्ट-२) लगाया गया। देसाई पर लापरवाही बरतने और गैरइरादतन हत्या करने का आरोप है।

पुलिस के अनुसार, इस मामले में ३१ जख्मियों, ३ चश्मदीदों और बीएमसी के २ अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक अधिकारी चीफ इंजिनियर संजय दराडे हैं। गौरतलब है कि १४ मार्च की शाम करीब साढ़े सात बजे डीएन रोड पर टाइम्स ऑफ इंडिया कार्यालय के पास मौजूद सीएसएमटी ब्रिज गिर गया था। हादसे में ६ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि ३१ लोग जख्मी हुए थे। ब्रिज को बीएमसी ने स्ट्रक्चरल ऑडिट कर उसे सुरक्षित घोषित किया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतक के परिवार को ५-५ लाख रुपये और जख्मियों को ५०-५० हजार रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी।


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