महाराष्ट्र : शिवसेना के मुखपत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों के परिवार का चिकित्सक बताते हुए जमकर तारीफ के पुल बांधे गए हैं। मुखपत्र में ठाकरे को कोविडोलॉजिस्ट तक करार देते हुए कहा गया है कि उन्होंने राज्य को कोरोना महामारी के खतरे के स्तर को पार करने से बचा लिया। शिवसेना के मुखपत्र सामना में ‘महाराष्ट्र के फेमिली डॉक्टर’ शीर्षक के तरह प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया है कि उद्धव ठाकरे संभवत: देश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने कोविड-19 संकट का विस्तार से अध्ययन किया है। केंद्र सरकार जो प्रयास अब करना चाह रही है वह महाराष्ट्र पहले ही शुरू कर चुका है। महाराष्ट्र संभावित कोरोना की तीसरी लहर से भी निपटने के लिए तैयार हो रहा है।

मुंबई में संक्रमण दर 8 फीसदी से कम हो गया है। उद्धव ठाकरे ने व्यर्थ राजनीति को लॉकडाउन करके अपना पूरा ध्यान कोरोना निवारण पर ही केंद्रित कर दिया है।  इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाराष्ट्र की पीठ थपथपाने के मोह त्याग नहीं पाए। अब तो उद्धव ठाकरे मानो कोविडोलॉजिस्ट ही बन गए हैं और महाराष्ट्र की जनता के फेमिली डॉक्टर बनकर जी जान से कार्य कर रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि पूरे विश्व की मीडिया में हिंदुस्तान में लगे लाशों के ढेर, श्मशान और कब्रिस्तान में अफरा-तफरी की खबरें और मन को झकझोरने वाली तस्वीरें प्रतिदिन प्रकाशित हो रही हैं। लेकिन उसमें महाराष्ट्र नजर नहीं आता। इसका श्रेय अगर मुख्यमंत्री ठाकरे को नहीं दिया जाए तो किसे दिया जाए। संपादकीय में कहा गया है कि ठाकरे ने कोविड-19 से निपटने के लिए युद्ध की रणनीति के तहत योजना बनाई और उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि महाराष्ट्र खतरे के निशान को पार न कर पाए।


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