बारिश का तांडव, कोल्हापुर और चिपलुन में NDRF तैनात, मुंबई के लिए भी अलर्ट जारी
मुंबई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में हो रही भारी बारिश के चलते सभी अधिकारियों को अगले 3 दिनों तक सतर्क रहने का आदेश दिया है। दरअसल मौसम विभाग ने आने वाले 3 दिन तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खास तौर पर कोंकण इलाके में मौसम विभाग में रेड अलर्ट जारी किया है।
कोंकण के रत्नागिरी जिले के बाद दूसरे जिले सिंधुदुर्ग में भी बरसात ने काफी तबाही मचाई है। आलम यह है कि बारिश की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट चुका है। सिंधुदुर्ग जिले की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बीती रात हुई भारी बरसात की वजह से सुबह से ही कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। वहीं कई रास्ते एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। जिले के कई रास्तों पर खतरे का बोर्ड लगा दिया गया है जबकि कई रास्ते टूट गए हैं और चट्टानें खिसक रही हैं।
रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री अनिल परब ने कहा है कि बारिश की वजह से जो परेशानी सामने आई है उससे निपटने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है। जिसकी वजह से चिपलुन में कई लोग फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए कोस्ट गार्ड और कस्टम की बोट का इस्तेमाल किया जाएगा। एनडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच रही है। हमारी पहली प्राथमिकता है कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। यदि जरूरत पड़ी तो हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जाएगी।
भारी बारिश ने महाराष्ट्र के कई शहरों को जलमग्न कर दिया है। आलम यह है कि इन शहरों में घुटनों और कमर तक पानी भर चुका है। कई शहरों में नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने भी राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया हुआ है।
मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र के बीड, नांदेड़, लातूर , परभणी, जालना, हिंगोली, पुणे, सतारा, सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी जैसे शहरों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग ने मायानगरी मुंबई के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। फिलहाल मुंबई में बारिश नहीं हो रही है। मुंबई में सुबह 10.46 मिनट पर हाई टाइड आने की चेतावनी दी गई है। इस दौरान 4.39 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी। ऐसे में अगर बारिश हुई तो सड़क पर जलजमाव हो सकता है।
फिलहाल बारिश ना होने से मुंबईकरों को राहत है। मुंबई शहर को पानी सप्लाई करने वाली दो महत्वपूर्ण झीलें मोडक सागर और तानसा ओवरफ्लो हो चुकी हैं। वहीं भातसा का भी जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है।