कल्याण : कल्याण-डोंबिवली मनपा की हद में बन चुके या बन रहे अवैध या अनाधिकृत निर्माणों पर मुंबई उच्च न्यायालय नें कड़ा रुख अपनाते हुए मनपा को अपना पक्ष रखने को कहा है। मुंबई उच्च न्यायालय नें यह देखा कि कल्याण-डोंबिवली में सरकारी या मनपा के भूखंडों पर अवैध या अनाधिकृत रूप से किया गया काम काफी गंभीर समस्या बनती जा रही है। एक जनहित याचिका पर सख्त रूप अपनाते हुए हाईकोर्ट ने कल्याण डोंबिवली मनपा से अगले दो सप्ताह के भीतर जबाब मांगा है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह से मनपा को अपना हलफनामा पेश करने के लिए समय सीमा बढ़ाई नही जाएगी। मुख्य न्यायाधीश दीपंकर दत्ता तथा गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने 14 जुलाई को सामाजिक कार्यकर्ता हरिश्चंद्र शांताराम म्हात्रे की जनहित याचिका जो कि कल्याण-डोंबिवली मनपा क क्षेत्र में राज्य तथा मनपा के सरकारी भूखंडों पर अवैध या अनाधिकृत निर्माणों से संबंधित थी इस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह चिंता व्यक्त की कि सरकारी भूखंडों पर इस तरह के अवैध अनाधिकृत कब्जे के कारण बाद में इसे नियमित करना पड़ता है जिसके कारण इन संपत्तियों का स्वामित्व राज्य या मनपा को छोड़ना पड़ता है। इस केस के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा जनसूचना अधिकार के तहत प्राप्त जबाबों को कोर्ट में दिखाया गया कि किस तरह डोंबिवली में शास्त्री नगर, राम मंदिर रोड, कोपर रोड आदि जगहों पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के द्वारा अवैध निर्माण किया गया है। याचिकाकर्ता की तरफ से एड. श्रीराम कुलकर्णी तथा सरकारी पक्ष से पी.पी.काकड़े तथा निशा मेहरा द्वारा इस मामले में पक्ष रखा जा रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होनी है। कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के विधि विभाग के आनंद सूर्यवंशी नें बताया कि 29 जुलाई को इस विषय पर अपना पक्ष रखने के लिए मनपा की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है।


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