बच्चों में कोरोना का प्रभाव न के बराबर, रिपोर्ट में खुलासा
मुंबई, मनपा की ओर से कोरोना के बदलते स्वरूप को परखने के लिए कस्तूरबा अस्पताल में स्थापित जीनोम सिक्वेंसिंग लैब की चौथी रिपोर्ट भी शुक्रवार को जारी की गई। इस रिपोर्ट में वैक्सीन लेनेवालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, कोरोना उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाया है। यह रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है। जी हां, रिपोर्ट के अनुसार एक भी ऐसे व्यक्ति की मौत कोरोना से नहीं हुई है, जिसने वैक्सीन ले रखी हो जबकि ४ ऐसे लोगों की मौत हुई है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। मनपा ने चौथी रिपोर्ट के लिए २८१ कोरोना मरीजों के सैंपल को टेस्ट किया, जिसमें से ७५ प्रतिशत लोगों में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट पाया गया तो २५ प्रतिशत लोगों में डेल्टा डेरिवेटिव वैरिएंट मिला है। डेल्टा प्लस की तुलना में दोनों बहुत कम घातक हैं।
इस रिपोर्ट के नतीजों पर गौर करें तो जिन ४ लोगों की मौत हुई है, वे सभी ६० से अधिक आयु के थे और इन्होंने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली थी। कोरोना को मात देने के लिए लोगों को वैक्सीन की खुराक लेना बहुत जरूरी है। मनपा इसके लिए बार-बार प्रसार माध्यमों के जरिए लोगों को वैक्सीन के लिए जागरूक कर रही है। इतना ही नहीं लोगों के घर-घर जाकर, वैंâप लगाकर और बिना किसी दस्तावेज के लोगों को वैक्सीन देने का काम कर रही है।
मनपा के कस्तूरबा अस्पताल स्थित नेक्स्ट जेनरेशन जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में चौथे बैच में मुंबई और आस-पास के कोरोना मरीजों के कुल ३४५ नमूनों का परीक्षण किया गया, इनमें से २८१ मरीज मुंबई के हैं। मुंबई के २८१ मरीजों में से २६ मरीज २० साल से कम आयु के हैं, २१ से ४० वर्ष आयु के ८५ मरीज , ४१ से ६० वर्ष आयु के ९६ मरीज, ६१ से ८० आयु के ६६ मरीज शामिल हैं। ८१ से १०० वर्ष के आयु के ८ मरीजों का सैंपल लिया गया।