देश में पहली बार किसी समुद्री पुल पर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क
मुंबई: अटल बिहारी वाजपेयी न्हावा शेवा अटल सेतु से गुजरने वालों के लिए गुड न्यूज है। अटल सेतु पर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया जाएगा। यह फाइबर पुल के अंदर से गुजरने वाले खोखले हिस्से से होकर बिछाया जाएगा। देश में पहली बार किसी समुद्री पुल पर इस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे वाहन चालकों को इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।
देश का सबसे लंबा समुद्री पुल
'अटल सेतु' की लंबाई 21.80 किलोमीटर है और इसका 18.18 किलोमीटर हिस्सा समुद्र के ऊपर है। यह देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है। इस पुल का निर्माण अलग-अलग गर्डरों को एक साथ फिट करके किया गया है। ये गर्डर भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। कुछ गर्डर स्टील के होते हैं, जबकि कुछ सीमेंट कंक्रीट के बने होते हैं। सीमेंट कंक्रीट के गर्डर 'बॉक्स' प्रकार के होते हैं, इसलिए वे अंदर से खोखले होते हैं। पुल पर बारिश का पानी ले जाने वाले चैनल, बिजली की रोशनी और अन्य सामग्रियों के लिए चैनल इसी में लगाए गए हैं। अब इसमें ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क भी बिछाया जाएगा। इसके लिए इस पुल का निर्माण करने वाली मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने एक टेंडर जारी किया है।
एमएमआरडीए के टेंडर में क्या?
टेंडर के तहत संबंधित ठेकेदार को अटल सेतु के गर्डर के नीचे 50 मिमी मोटे दो ऑप्टिकल फाइबर चैनल लगाने का लाइसेंस मिलेगा। इसके आधार पर अटल सेतु पर वाहन चालकों को इंटरनेट सुविधा प्रदान की जाएगी। चालकों की ओर से यूज किए जाने वाले इंटरनेट के माध्यम से ठेकेदार को राजस्व प्राप्त होगा। बदले में 'एमएमआरडीए' ठेकेदार से किराया लेगा। यह समझौता पांच सालों के लिए होगा। साथ ही इस संबंध में समझौते के बाद 60 दिनों के भीतर ठेकेदार को यह नेटवर्क स्थापित करना अनिवार्य होगा।
इस अनुबंध के माध्यम से मिले राजस्व का उपयोग 'एमएमआरडीए' की ओर से 'अटल सेतु' के निर्माण पर हुए पूंजीगत व्यय की प्रतिपूर्ति या पुल के दैनिक रखरखाव और मरम्मत के लिए किया जाएगा। साथ ही तकनीकी सुविधाओं के उपयोग के माध्यम से राजस्व पैदा करने का यह मॉडल अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए दिशानिर्देश के रूप में भी काम करेगा।