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मुंबई, एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी कोरोना की पहली लहर को हराने में विश्व के लिए एक मॉडल साबित हुई है। इसी प्रकार कोरोना की दूसरी लहर भी धारावी में धरासायी होती दिखायी दे रही है। धारावी में कभी शून्य तो कभी एक की संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं अब एक्टिव मरीजों की संख्या भी मात्र ९ रह गई है। यदि धारावी से मरीजों के ठीक होने की रफ्तार ऐसे ही रही तो जल्द ही धारावी कोरोना मुक्त हो जाएगा।
मनपा के जी नार्थ वार्ड के उपायुक्त किरण दीघावकर ने बताया कि धारावी में कोरोना न्यूनतम स्तर पर है। एक्टिव मरीजों की संख्या अब ९ रह गई है। मनपा की उपाय योजना और धारावीवासियों के सहयोग से यह संभव हुआ है। धारावी भले एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी है लेकिन यहां के लोग सबसे अधिक जागृत हैं, ऐसा कोरोना काल में देखने को मिला है। यहां के लोगों ने कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया। लोग पूरी तरह अलर्ट हैं, जरा-सा भी बुखार, खांसी आने पर लोग तुरंत इसकी जांच करवाते हैं। मनपा की ओर से चलाए गए अभियान के बाद लोग काफी जागरूक हुए हैं। लोगों में मनपा के अभियान का असर दिखा है।
मुंबई में कोरोना के २३० मरीज मिले हैं और २०४ मरीज ठीक हो चुके हैं। कुल ९७ प्रतिशत लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं। अब मात्र २,८४५ एक्टिव मरीज बचे हैं, मुंबई में कोरोना का डबलिंग रेट २,१८७ दिन हो गया है। इतना ही नहीं कोरोना का ग्रोथ रेट भी ०.०३ हो गया है।


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