मुंबई: महाराष्ट्र के सांसद अरविंद सावंत ने सीमा विवाद पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि जब तक बेलगाम और कर्नाटक के अन्य सीमावर्ती इलाकों को महाराष्ट्र में नहीं मिला लिया जाता, तब तक मराठी लोगों का संघर्ष नहीं रुकेगा। राज्यसभा सदस्य इरन्ना कडाडी ने बयान दिया था कि सीमा विवाद एक बंद अध्याय है। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद सावंत ने कहा, "मराठी भाषी अपनी आखिरी सांस तक सीमा संघर्ष जारी रखेंगे। यह कोई बंद अध्याय नहीं है।" हालांकि, राज्यसभा सदस्य इरन्ना कडाडी ने इस बयान का खंडन करने के लिए अदालत जाकर उन पर हमला बोला है।

राज्यसभा सदस्य इरन्ना कडाडी हाथ मलने का काम कर रहे हैं। मराठी भाषी अपनी आखिरी सांस तक अपने न्याय और अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। इरन्ना कडाडी ने कहा है कि उन्हें अदालत जाकर अपनी बात रखनी चाहिए। बेलगाम, कारवार, निप्पानी और भालकी मराठी क्षेत्र हैं जो पिछले 60 वर्षों से महाराष्ट्र में शामिल होने के लिए सामाजिक, राजनीतिक और निष्पक्ष रूप से संघर्ष कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार इन सीमा सेनानियों के समर्थन में खड़ी है। इस तरह के बयानों से सीमा विवाद हल नहीं होगा। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने कहा है कि पार्टी उनके साथ है।

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