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मुंबई : मुंबई में मेट्रो का काम युद्धस्तर पर शुरू है। मुंबई में बिछ रही मेट्रो-३ रेल लाइन की अन्य मेट्रो रेल परियोजनाओं की तुलना में कई खासियत है। अंडर ग्राउंड मेट्रो होने के साथ ही इस मेट्रो की एक खासियत यह भी होगी कि इस मेट्रो लाइन को बिछाने के लिए जिस स्लीपर का इस्तेमाल होने जा रहा है वह हाई अटेन्युएशन ट्वीन ब्लॉक स्लीपर है। इस स्लीपर की खासियत है कि जब मेट्रो का परिचालन होगा तो आसपास कंपन की तीव्रता काम होगी, जिससे मेट्रो का परिचालन सुचारु रूप से कर पाना संभव होगा। इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार हिंदुस्थान में मेट्रो-३ परियोजना के लिए किया जा रहा है।
मेट्रो-३ रेल लाइन बिछाने का काम लॉर्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) कंपनी को मिला है। यह कंपनी कफ परेड से बीकेसी के बीच अप-डाउन की दिशा में कुल मिलाकर ४७ किमी की मेट्रो लाइन बिछाएगी। कंपनी पटरी बिछाने के अलावा उच्च दर्जे की पटरी खरीदी करना, उत्पादन, आपूर्ति, स्थापना, ट्रायल और कमिशनिंग का काम करेगी। मेट्रो रेल इंजीनियर व एक्सपर्ट सुबोध जैन का कहना है कि मेट्रो -३ के लिए जिस हाई अटेन्युएशन ट्वीन ब्लॉक स्लीपर का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसकी खासियत ये है कि ट्रेन परिचालन के दौरान ५ से १० डेसिबल कंपन जमीन में कम होगी और मेट्रो का परिचालन सुचारु रूप से हो पाएगा। वहीं मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन के संचालक व प्रभारी व्यवस्थापकीय संचालक सुबोध गुप्ता का कहना है कि मेट्रो परियोजना के लिए ट्रैक एक महत्वपूर्ण घटक है। मेट्रो-३ जिस मार्ग से होकर गुजर रही है इस रूट पर कई ऐतिहासिक इमारतें हैं। इस स्लीपर से कंपन और ध्वनि की तीव्रता का पता नहीं चल सकेगा, जिससे मेट्रो की यात्रा आरामदायक होगी। मेट्रो-३ रेल परियोजना पूरी तरह से अंडर ग्राउंड है। इस कॉरिडोर की लंबाई ३३.५ किमी है। मेट्रो-३ मार्ग पर कुल २७ स्टेशन होंगे। इस परियोजना की अनुमानित लागत ३०,००० करोड़ रुपए है।

 

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