मुंबई : कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अभी तक मुंबई में कोरोना वायरस का कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। एहतियात के तौर पर बीएमसी की टीम ने 450 से भी ज्यादा परिवारों का सर्वे किया और किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए।इन सभी स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। हालांकि, पुणे और नागपुर में आए नए मामलों के कारण राज्य में कोरोना वायरस के कुल पुष्ट मामलों की संख्या 17 हो चुकी है। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को मुंबई और ठाणे से जो दो नए मामले सामने आए थे, उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग लगभग हो चुकी है। मुंबई के मरीज को हिंदुजा हॉस्पिटल से कस्तूरबा अस्पातल में ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं इनके क्लोज संपर्क में आने वाले 7 लोगों को भी कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया है। जबकि बाकी के सात कम रिस्क वाले कॉन्टैक्ट को भी अगले 14 दिन तक घर में रहने का निर्देश दिया गया है। बीएमसी कोरोना वायरस की प्रोटोकॉल ऑफिसर डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि मुंबई में गुरुवार को आए पुष्ट मामले के तत्काल बाद इनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई। इस मामले में 460 परिवारों तक पहुंचकर बीएमसी की टीम ने लोगों का सर्वे किया। इनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं दिखे हैं। हालांकि इन्हें अगले कुछ दिनों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम के संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा ठाणे स्वास्थ्य विभाग को भी मरीज के संपर्क में आने वालों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। कोरोना वायरस की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन ने महानगर में आइसोलेशन बेड्स की संख्या बढ़ा दी है। इसके लिए शुक्रवार को मुलुंड स्थित फोर्टिस अस्पताल में भी 15 आइसोलेशन बेड्स की सुविधा शुरू की गई है। वहीं सेवन हिल्स हॉस्पिटल में 300 लोगों को अलग-थलग रखने की व्यवस्था भी पूरी कर ली गई है, जल्द ही यहां लोगों को जरूरत पड़ने पर रखा जाएगा।

मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार तक 2,17,636 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 238 लोगों में लक्षण दिखने के बाद उन्हें कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से 203 लोगों के सैंपल निगेटिव आए हैं, जबकि 4 पॉजिटिव। अन्य की रिपोर्ट आनी बाकी है। कस्तूरबा अस्पताल में बतौर संक्रमण रोग विशेषज्ञ कार्यरत डॉ. जयंती शांति ने कहा कि कोरोना वायरस के अब तक कम्युनिटि ट्रांसमिशन के कोई सबूत नहीं मिले हैं। वहीं यह एयर बॉर्न बीमारी नहीं है, जो हवा में इसके वायरस रहेंगे। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर इसके वायरस नीचे गिरते हैं, न कि हवा में लंबे समय के लिए रहते हैं। इसलिए जल्द-जल्दी हाथ साबून से धोने पर संक्रमण फैलने की संभावना बेहद कम होती है। कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद बीएमसी के स्कूलों को अभी खुला रखने का निर्णय लिया गया है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने बीएमसी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को विशेष सावधानी बरतने की नसीहत दी है। उप कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्कूलों में जाकर बच्चों और शिक्षकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। इसके तहत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान, कुछ खाने से पहले हाथ को साबुन से धोना, छींकने या खांसने से पहले मुंह पर रुमाल लगाना या रुमाल न होने की स्थिति में हाथ से मुंह ढांकना प्रमुख है। डॉ. शाह ने कहा कि छात्रों को इस दौरान पौष्टिक आहार अधिक मात्रा में लेने चाहिए, जिससे उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। हमने छात्रों और शिक्षकों को सलाह दी है कि यदि किसी बच्चे को बुखार, खांसी या जुकाम की शिकायत हो तो उसकी तुरंत जांच कराएं।


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