मुंबई : नोवेल कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले बढ़ने के बाद देशभर में राज्य सरकारें अडवाइजरी जारी कर रही हैं। स्कूल बंद हो रहे हैं। आयोजन टाले जा रहे हैं, ऐसे में लोगों द्वारा ट्रेन यात्राएं टालने का सिलसिला भी जारी है। लंबी दूरी की ट्रेनों के अलावा मुंबई लोकल के टिकट बिक्री आंकड़ों से भी कोरोना वायरस के प्रभाव को समझा जा सकता है। पश्चिम रेलवे पर 12 मार्च को पिछले साल के मुकाबले 48.09 प्रतिशत ज्यादा टिकटें रद्द हुई हैं। मध्य रेलवे पर 12 मार्च को 65,943 टिकटें बुक हुई थीं, जबकि 22,441 टिकटें रद्द हो गईं। मध्य रेलवे पर एक ही दिन में 34.03 प्रतिशत टिकटें रद्द हुईं। पश्चिम रेलवे के स्टेशनों से शुरू होने वाली ट्रेनों में 15 दिनों में पिछले साल के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक टिकटें रद्द हुई हैं। 1 मार्च से 12 मार्च तक पिछले साल 4,34,403 टिकटें रद्द हुई थीं, जबकि इसी अवधि में इस साल 5,27,045 टिकटें रद्द हुई हैं। पिछले साल के मुकाबले मार्च के 12 दिनों में इस बार 92,642 टिकटें ज्यादा रद्द हुई हैं। मध्य रेलवे पर 1 मार्च से 12 मार्च (2019) तक 1,07,500 टिकटें रद्द हुई थीं। इस साल यह आंकड़ा 1,39,137 है। पिछले साल के मुकाबले मध्य रेलवे पर भी 31,687 टिकटें ज्यादा रद्द हुई हैं।

मध्य रेलवे से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2020 में रोजाना औसतन 46 लाख यात्री सफर करते थे। मार्च में यह आंकड़ा घटकर 42 लाख रह गया है। पश्चिम रेलवे पर जनवरी 2020 में रोजाना औसतन 37.01 लाख लोगों ने यात्रा की थी, फरवरी 2020 में ये आंकड़ा घटकर 35.62 लाख रह गया। मुंबई लोकल में 80 प्रतिशत यात्री सीजन टिकट यानी पास पर यात्रा करते हैं, लेकिन रोजाना बिकने वाली कार्ड टिकटों में भी असर देखा गया है। पश्चिम रेलवे पर रोजाना औसतन 7,77,837 कार्ड टिकटें बिकती हैं, जबकि 9 मार्च से 12 मार्च तक चार दिनों में रोजाना औसतन 6,95,965 टिकटें बिकी हैं। ट्रेनों के अलावा टैक्सी और बसों पर कोरोना वायरस का असर देखा जा रहा है। ऐप बेस्ड टैक्सी में अगर ओला और उबर की बात करें, तो 30 प्रतिशत तक बुकिंग कम होने की बात कही जा रही है। दोनों कंपनियों ने 8 से 10 हजार ड्राइवर पार्टनर के तौर पर काम करते हैं। मराठी कामगार सेना के राज्य अध्यक्ष महेश जाधव के अनुसार, जब से पुणे में टैक्सी में यात्रा कर रहे यात्रियों को संक्रमित पाया गया है, तब से ज्यादातर ड्राइवर भीड़ वाले इलाकों से बुकिंग टाल रहे हैं। इसके अलावा एयरपोर्ट से पैसेंजरों की संख्या कम होने से बिजनेस पर असर पड़ा है। किराए में कटौती के बाद बेस्ट में फरवरी 2020 तक रोजाना औसतन 35 लाख यात्री सफर कर रहे थे। 7 मार्च के बाद यात्रियों की संख्या में कमी दिखाई दी है। 7 मार्च को 28.97 लाख, 9 मार्च को 30.88 लाख और 11 मार्च को 30.97 लाख यात्रियों ने सफर किया।

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