मुंबई : यस बैंक के संकट का असर मुंबई विश्वविद्यालय के कामकाज पर भी दिखाई दे सकता है। विश्वविद्यालय का 140 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा होने की बात सामने आई है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय की सीनेट की बैठक में यह मामला खूब गरमाया। युवा सेना की सीनेट सदस्य सुप्रिया करंडे ने भरी सभा में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा, 'विश्वविद्यालय की ऐसी कौन-सी मजबूरी थी कि उसे सरकारी राष्ट्रीय बैंक की बजाय प्राइवेट बैंक में जमा करने का विकल्प चुनना पड़ा।' इस पर प्रशासन की तरफ से वित्त अधिकारी माधवी इंगोले ने कहा, '2018 में प्रबंधन समिति ने बैठक में निर्णय लिया था कि विश्वविद्यालय का फिक्स डिपॉजिट निजी बैंकों में रखा जाए। इसी निर्णय के बाद विश्वविद्यालय ने यस बैंक का चयन किया गया। विश्वविद्यालय की तरफ से उचित जवाब नहीं मिलने और समाधान नहीं होने के चलते उन्होंने सभा का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद सभा को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। यस बैंक पर आर्थिक संकट है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक से पैसे की निकासी पर प्रतिबंध लगा रखा है। कोई भी खाताधारक अपने खाता से 3 अप्रैल तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकता है। यह जानकारी जैसे ही खाताधारकों को हुई, तब से उनमें अफरा-तफरी मची हुई है। हालांकि, आरबीआई लगातार खाताधारकों का पैसा सुरक्षित होने की बात कह रही है। ऐसे हालात में अगर विश्वविद्यालय को किसी प्रॉजेक्ट के लिए पैसे निकालने की जरूरत पड़ी, तो वह अपना ही पैसे निकाल नहीं सकती है।


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