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मुंबई : कोरोना से बचने के लिए लोग नियमित रूप से मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे न सिर्फ कोविड-19 वायरस के संक्रमण का बचाव हो रहा है, बल्कि सांस संबधित बीमारियों से भी राहत मिल रही है। इसके बावजूद लोग मास्क का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक लोग मुंबई के उत्तरी हिस्से में रहने वाले हैं, जिन्होंने मास्क नहीं पहनकर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया है। इनकी संख्या 1512 है। हालांकि, मुंबई पुलिस आज भी मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है। 

मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 5477 लोगों के खिलाफ मास्क नहीं पहनने का केस दर्ज किया गया है। इनमें सबसे अधिक 1512 केस मास्क नहीं पहन कर घूमने फिरने के नॉर्थ रीजन यानी गोरेगांव से दहिसर के बीच दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा वेस्टर्न रीजन 966, सेंट्रल रीजन 650, ईस्टर्न रीजन 884 और साउथ रीजन में 225 मामले मास्क नहीं पहनने के दर्ज किए गए हैं। 

ऐसा नहीं हैं आम लोग ही कोविड का शिकार बन रहे हैं। पुलिस वाले भी कोरोना से बेमौत मारे जा रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के दौरान पुलिस को लोगों की आवाजाही पर नज़र रखनी पड़ती है। यहां तक कि आइसोलेशन सेंटर और कोरोना ट्रीटमेंट सेंटर में भी पुलिस की तैनाती की गई है। इसलिए शारीरिक और मानसिक तनाव में पुलिस है, क्योंकि उन्हें अधिक काम करना है। 

पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने के अलावा इन दिनों अपराध पर नियंत्रण और जांच भी करनी पड़ती है। इसलिए इनकी जिम्मेदारी पहले से अधिक बढ़ गई है। विभिन्न स्थानों पर ड्यूटी देने से इनकी स्थिति दयनीय हो गई है और वे कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। राज्य में 8 पुलिस अधिकारियों समेत 100 पुलिसकर्मियों की मौत इसका सबूत है। हालांकि, मुंबई के 94 पुलिस स्टेशनों में रैपिड ऐंटीजन टेस्ट अभियान के माध्यम से पुलिस के स्वास्थ्य की जांच की गई है। उपनगरों में ही 3466 पुलिसकर्मियों के कोरोना टेस्ट में 77 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। 


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