मुंबई : लोगों के लिए सुरक्षित माने जाने वाले मेट्रोपॉलिटन शहर बुजर्गों के लिए दिन-ब-दिन असुरक्षित बनते जा रहे हैं। यह खुलासा नैशनल क्राइम रिकॉड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों से हुआ है। NCRB के अनुसार, मुंबई में सबसे ज्यादा बुजुर्ग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि मुंबई में बुजुर्गों से संबंधित दर्ज मामलों में पिछले साल 25.1% वृद्धि देखी गई थी। इसके बाद दिल्ली का स्थान है, जहां बुजुर्गों से संबंधित मामलों में 22% इजाफा हुआ, जबकि अहमदाबाद में 16.2% मामले दर्ज हुए थे।

पिछले तीन साल की बात करें तो मुंबई में 2017 में बुजुर्गों से संबंधित 1115 मामले और 2018 में 1043 मामले, जबकि 2019 में 1231 मामले दर्ज हुए थे। दिल्ली में पिछले साल में 1076, जबकि अहमदाबाद में 794 मामले दर्ज हुए थे। सबसे कम मामले कानपुर, गाजियाबाद और पटना में दर्ज किए गए।

NCRB के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन शहरों की तुलना में छोटे और मध्यम शहरों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक यानी बुजुर्ग सबसे अधिक सुरक्षित हैं। पिछले तीन सालों के दरमियान बुजुर्गों से संबंधित मामलों के दर्ज होने के आकंड़ों को देखें तो सबसे कम मामले बिहार की राजधानी पटना, उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर एवं इसी राज्य के गाजियाबाद जिले से मिले हैं। पटना में जहां पिछले 3 सालों में मात्र 7 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं गाजियाबाद में 2 और कानपुर में एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हआ। इससे जाहिर होता है कि बुजुर्गों के लिए देश में सबसे मुफीद व सुरक्षित शहर पटना, कानपुर और गाजियाबाद हैं। यानी इन 3 शहरों में अगर आपके बुजुर्ग परिजन रहते हैं तो आपको सुरक्षा की दृष्टि से मुंबई, दिल्ली और चैन्ने एवं अहमदाबाद में रहने वाले बुजुर्गों की तरह चिंता करने की उतनी आवश्यकता नहीं है।


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