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पुणे :  भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब लॉकडाउन लगाया जाता है तो लोगों की नौकरियां चली जाती हैं और आरोप लगाया कि राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार कमजोर तबकों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए गंभीर नहीं है।  राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर महाराष्ट्र में पूर्ण लॉकडाउन की अटकलों के बीच राज्य सरकार पर तंज कसते हुए फडणवीस ने कहा कि राज्य में 'लोकशाही' के बाजाय 'लॉक-शाही' है। विधानसभा में विपक्ष के नेता सोलापुर जिले में पंढरपुर-मंगलवेढा विधाससभा चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित कर रहे थे। भाजपा ने 17 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दिवंगत विधायक भरत भालके के बेटे भगीरथ भालेके के खिलाफ समाधान अवताडे को मैदान में उतारा। उन्होंने आरोप लगाया, ' जब यह सरकार सत्ता में आई थी तो इसे महा विकास आघाडी का नाम दिया गया लेकिन अब यह 'महा वसूली आघाडी' बन गई है। जिस तरह से उन्होंने पुलिस, किसानों और आम आदमी से वसूली शुरू की है, उससे पता चलता है कि सभी तीनों सत्तारूढ़ दल (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) का एक ही एजेंडा है और वह यह है कि जहां भी संभव हो, वहां से पैसा बटोरा जाए।' 

पूर्व मुख्यमंत्री मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों का हवाला दे रहे थे। भाजपा नेता ने कहा कि सबसे ज्यादा कोविड-19 के मामले और इस महामारी से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हो रही हैं। उन्होंने कहा, 'पिछले 10 दिनों में देश में हुई कुल मौतों में से 50 से 55 फीसदी महाराष्ट्र से हुई थीं। इसी तरह, देश के कुल मामलों में से 60 फीसदी मामले महाराष्ट्र से सामने आए। फडणवीस ने कहा, ' मैं समझ सकता हूं कि (कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए) बंद करना (लॉक करना) और खोलना (अनलॉक करना) अहम है लेकिन जब लॉकडाउन लगाया जाता है तो लोगों की नौकरी जाती है। दुर्भाग्य से, राज्य सरकार (कमजोर) लोगों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए गंभीर नहीं है।


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