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मुंबई, कोरोना महामारी संकट के बीच कई लोग नौकरी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में लगातार खाने-पीने के सामानों और सब्जियों के दामों में हुए इजापेâ से आम जनता की कमर टूट चुकी है। बढ़ती महंगाई से आमजनों के किचन का बजट बिगड़ गया है, जिससे किचन में भी किचकिच हो रही है। महंगाई की मार से जनता बेजार हो गई है।
मुंबई में बुधवार को पेट्रोल की कीमत १०७.२० रुपए प्रति लीटर थी। शहर में डीजल की कीमत भी ९७.२९ रुपए थी, जोकि अन्य महानगरों की तुलना में सबसे ज्यादा है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत १०१.१९ रुपए प्रति लीटर तो डीजल ८९.७२ रुपए प्रति लीटर पर बरकरार है। चेन्नई में पेट्रोल १०१.९२ रुपए, डीजल ९४.२४ रुपए, और कोलकाता में १०१.३५ रुपए, व डीजल ९२.८१ रुपए, प्रति लीटर रहा। सभी महानगरों में पेट्रोल की कीमतें अब १०० रुपए प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में मजबूती जारी रही तो कीमतें और बढ़ सकती हैं। इधर रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें बढ़ने से आमजन परेशान हैं। रसोई गैस, सब्जियों से लेकर खाने-पीने के चीजों की कीमतें बढ़ने से घर का बजट बिगड़ गया है। सरकार ने बुधवार को जून के थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, जून में होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) घटकर १२.०७³ पर आ गया, जो मई में लगातार ५वें महीने बढ़कर रिकॉर्ड १२.९४³ पर पहुंच गई थी, वहीं जून २०२० में थोक महंगाई दर १.८१³ थी। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक जून में थोक महंगाई दर १२³ से ज्यादा होने की सबसे बड़ी वजह मिनरल ऑयल का महंगा होना है। इसमें पेट्रोल, डीजल, नेफ्ता समेत जेट फ्यूल शामिल हैं। इसके अलावा मैन्युपैâक्चर्ड प्रोडक्ट जैसे बेसिक मेटल और पूâड प्रोडक्ट के भाव भी बढ़े हैं।



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