अब होंगे २३६ नगरसेवक, मुंबई में ९ वार्ड बढ़ानेवाले प्रस्ताव को मंजूरी
मुंबई : पिछले दो दशक में मुंबई की जनसंख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। शहर और उपनगर के कई क्षेत्रों में जनसंख्या ४ से ५ प्रतिशत तक बढ़ गई है। लेकिन मनपा की ओर से परस्पर सुविधाओं को उपलब्ध कराने का काम सतत जारी है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मनपा की सुविधाओं का लाभ मिले, इसके लिए वार्डों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव वैâबिनेट को भेजा गया था। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई वैâबिनेट की बैठक में मुंबई में ९ वार्ड बढ़ानेवाले प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही मुंबई में अब कुल वार्डों की संख्या बढ़कर २३६ हो गई। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार मुंबई की आबादी में वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। २००१-११ तक मुंबई की जनसंख्या में ३.८७ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। मालाड, बांद्रा, वडाला, मानखुर्द जैसे इलाकों में जनसंख्या काफी बढ़ी है, जिसे देखते हुए राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसी के साथ मनपा के आगामी चुनाव से पहले मुंबई में कुछ वार्डों की परिसीमन में बदलाव किया जाएगा और मुंबई में अब कुल नगरसेवकों की संख्या २३६ हो जाएगी।
वैâबिनेट नोट के अनुसार मुंबई मनपा में मौजूदा समय में २२७ निर्वाचित सदस्य हैं। यह संख्या २००१ की जनगणना के आधार पर उल्लेखित है। वर्ष २०११ की जनगणना के बाद से निर्वाचित सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया और नगरसेवकों की संख्या जस की तस रही। २०११ की जनगणना के अनुसार २००१ -११ के बीच मुंबई में जनसंख्या में ३.८७ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जनसंख्या में इस वृद्धि और बढ़ते शहरी क्षेत्र को देखते हुए नगरसेवकों की संख्या बढ़ाना जरूरी था।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई वैâबिनेट की बैठक में उद्योग निदेशालय में एक अतिरिक्त विकास आयुक्त के पद के सृजन को भी मंजूरी दी गई। उद्योग निदेशालय का काम पिछले ६-७ सालों में बढ़ा है। इस पद पर आईएएस स्तर के अधिकारी की नियुक्ति होगी।
वैâबिनेट ने कोकण क्षेत्र में छह परियोजनाओं के लिए जारी निविदाओं को रद्द करने के निर्णय को रद्द कर दिया है। इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की। बैठक में ३० अगस्त २०१६ को ६ परियोजनाओं के निविदा को रद्द करने के निर्णय को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। बता दें कि कोकण परिमंडल का भ्रष्टाचार निरोधक दल छह परियोजना शिरशिंगे, शाई, सुसरी, चनेरा, जामदा और काला के लिए निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा था। बाद में इस जांच को रोक दिया गया।