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मुंबई : राज्य में पानी किल्लत की स्थिति में आगामी जुलाई महीने के अंत तक पानी की उपलब्धता बनी रहे। इसके लिए राज्य में विशेष रूप से मराठवाडा, नासिक तथा विदर्भ के बांधों के जल संग्रहों का उचित नियोजन करने की सूचना मुख्य सचिव यू.पी.एस. मदान ने संबंधित विभागीय आयुक्त तथा जिलाधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को दी है। पानी की किल्लत जिन गांवों में है, वहां सुचारू रूप से जलापूर्ति करने के लिए सजग रहने की सूचना भी उन्होंने दी।
पानी किल्लत की समस्या के पार्श्वभूमि पर मुख्य सचिव मदान ने प्रभावित जिलों के विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से वीडियो कॉन्प्रâेंस द्वारा संवाद कर स्थिति का जायजा लिया। इस समय जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव शामलाल गोयल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। राज्य सरकार ने वर्ष २०१८-१९ आर्थिक वर्ष में ५३० करोड़ रुपए की निधि वितरित की है। फिलहाल राज्य के २३ जिलों के १८२ तहसीलों के ३,६९९ गांव और ८,४१७ बस्तियों में ४,७७४ टैंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसमें संभाजीनगर जिले में एक हजार, नगर जिले में ७३२, बीड जिले में ७६१, जालना में ७५९ टैंकर शुरू हैं, ऐसी जानकरी दी। राज्य में १,२७६ छावनियां शुरू हैं। इसमें ८ लाख ६८ हजार ३९१ मवेशी दाखिल हुए हैं। इसमें नासिक विभाग के नगर जिले में ४७१ छावनियां, पुणे विभाग के सातारा, सोलापुर, सांगली जिले में १११ छावनियां तथा संभाजीनगर विभाग के संभाजी नगर, बीड और धाराशिव में ६८२ चारा छावनियों का समावेश है। इन छावनियों में औषधोपचार, टीकाकरण आदि सेवा नि:शुल्क दी जा रही है।


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