मुंबई : वर्ल्डकप शुरू होने से पहले टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया दोनों को इस वर्ल्डकप का प्रबल दावेदार माना गया था लेकिन फाइनल मैच की रेस से ये दोनों टीमें अब बाहर हो चुकी हैं। पहले सेमीफाइनल मैच में अपेक्षाकृत कमजोर न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया जिस तरह हारी, वह फैंस को हजम नहीं हो रहा है। कई फैंस और क्रिकेट के जानकार दाल में काला होने की आशंका जता रहे हैं। इस बारे में अब क्रिकेट सट्टेबाजी से जुड़े सूत्रों से जो खबरें छन कर बाहर आ रही हैं, उसके मुताबिक दाल में काला नहीं बल्कि इस वर्ल्ड कप की पूरी दाल ही काली नजर आ रही है। पता चला है कि वर्ल्ड कप के इस सेमीफाइनल मैच में ५०,००० करोड़ रुपए सट्टेबाजों के डूब गए।
सेमीफाइनल में मैदान में खिलाड़ी और बाहर सट्टेबाजों की बैटिंग जोर-शोर से जारी थी और अंत में सट्टेबाज जीत गए। इस एक मैच ने सटोरियों  के पिछले कई मैचों का नुकसान पूरा कर दिया। सट्टा बाजार से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस वर्ल्डकप में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का सट्टा लगा था। हिंदुस्थानी सट्टा बाजार में पहले हिंदुस्थान-पाकिस्तान मैच पर २० हजार करोड़ का तो बाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ करीब ६० हजार करोड़ रुपए का सट्टा लगाया गया था। इस पूरी रकम में करीब ९३ फीसदी रकम टीम इंडिया पर लगाई गई थी। टीम इंडिया की अप्रत्याशित हार से सट्टेबाजों को लगभग ५० हजार करोड़ का फटका लगा जबकि सटोरिए मालामाल हो गए। इस वर्ल्डकप से पहले हिंदुस्थानी सट्टेबाज टीम इंडिया को फेवरेट मान रहे थे, वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में सटोरिए पहले से ही कुछ अलग करने की नीति पर काम कर रहे थे। उन्हें ऐसी टीमों को फाइनल में लाना था जो पहली बार वर्ल्डकप जीत सकें। समझा जा सकता है कि इन सटोरियों की नजर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड पर थी।

सट्टा बाजार में इंग्लैंड फेवरिट
वर्ल्ड कप का फाइनल कल लॉर्डस् में है। टीम इंडिया के न रहने से हिंदुस्थानी प्रशंसक भले ही मायूस हैं पर सट्टा बाजार का समीकरण इंग्लैंड के फेवर में हो चुका है।
जब से वर्ल्डकप शुरू हुआ है तब से ही सट्टा बाजार का भी खेल शुरू हो गया था। सेमीफाइनल में मामला काफी हॉट हो गया था। सट्टा गेंद दर गेंद तथा हर खिलाड़ी के व्यक्तिगत प्रदर्शन के साथ-साथ रनों और विकेट से मिली जीत के अंतर पर भी लगा था। मैच में कुल कितने रन बनेंगे? कौन सी टीम का कौन खिलाड़ी कितना रन बनाएगा? गेंदबाज कितने रन खर्च करेंगे या विकेट लेंगे आदि शामिल थे? इस मैच में विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह यजुवेंद्र चहल के साथ ट्रेंट बाउल्ट, लॉकी फर्ग्यूसन, केन विलियमसन, मार्टिन गुप्टिल आदि ऐसे खिलाड़ी थे जिन पर सट्टेबाजों ने विश्वास जताया था। बात टीम की करें तो वर्ल्डकप शुरू होने से पहले टीम इंडिया की जीत पर ४.३५ रुपए जबकि न्यूजीलैंड पर ४९ रुपए का भाव लगा था। जबकि पहले सेमीफाइनल मैच से पहले टीम इंडिया का भाव ६२ पैसे, वहीं न्यूजीलैंड पर १.२० रुपए का भाव लगाया गया था। एक सूत्र की मानें तो आमतौर पर जब किसी टीम के पहले ४ विकेट सस्ते में निपट जाते हैं तो सट्टा बाजार में सट्टेबाजी रोक दी जाती है लेकिन पहले सेमीफाइनल मैच में टीम इंडिया के पहले तीन बल्लेबाजों के सस्ते में आउट होने तथा २४ रन पर ४ विकेट गिरने के बाद भी सट्टा बाजार में दांव जारी रहा। खासकर लोगों ने एक बार ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, एमएस धोनी, रविंद्र जडेजा के कारण टीम इंडिया पर अपना विश्वास बनाए रखा बल्कि २०० रन तक धोनी और जडेजा का खेल देखकर सट्टेबाज और बढ़कर दांव लगाते रहे। बावजूद इसके टीम इंडिया हार गई। हिंदुस्थान की इस अप्रत्याशित हार से सटोरियों ने लगभग ५० हजार करोड़ की कमाई कर ली। गौरतलब हो कि इस वर्ल्ड कप से पहले हिंदुस्थानी सट्टेबाज जहां टीम इंडिया को फेवरेट मानकर चल रहे थे, वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्वेâट में सटोरिए पहले से ही कुछ अलग करने की नीति पर काम कर रहे थे। उनका गेम प्लान था कि इस बार किसी नई टीम को फाइनल में लाया जाए ताकि कोई नई टीम फाइनल जीत सके। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम भी आसानी के साथ हार गई।
इंग्लैंड २३ और कीवी २७ पैसे
अब सेमीफाइनल मैचों की समाप्ति के बाद इंग्लैंड की टीम सटोरियों की फेवरेट टीम हो गई है। फाइनल मैच के लिए होम ग्राउंड होने के कारण इंग्लैंड को विजेता मानकर २३ पैसे जबकि कीवियों की संभावित जीत पर २७ पैसे का भाव लगा है।



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