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मुंबई : राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार मुंबई सहित रेड और कंटेंमेंट जोन में ऑनलाइन कक्षाएं तो शुरू हो गईं, लेकिन इसके साथ कई दिक्कतें भी आ रही हैं. पहले दिन 15 जून को शिक्षकों ने सिर्फ स्कूलों में हाजिरी लगाई और कुछ दिशा-निर्देशों का पालन किया. पहले और दूसरे दिन बीएमसी के अधिकांश स्कूलों में मिड डे मील के रूप में बकाया चावल और नए सत्र की किताबें छात्रों को दी गईं. छात्र अपने अभिभावकों के साथ स्कूलों में आए और शिक्षकों ने अभिभावकों को ऑनलाइन के बारे में समझाया. 

अधिकांश छात्रों के पास एंड्राइड और स्मार्टफोन नहीं होने के कारण दिक्कतें आ रही हैं, पहले दिन एक दिक्कत यह भी आई कि स्कूलों से गूगल क्लासरूम, जूम आदि के लिंक भेज दिए गए, लेकिन छात्र लिंक खोलने में दिनभर व्यस्त रहे. ऐसे ही एक सातवीं के छात्र मयूरेश गायकवाड़ को लिंक भेजा गया, लेकिन वे ओपन नहीं कर पा रहे थे, उनके पिताजी सुभाष गायकवाड़ भी काफी परेशान हुए, लेकिन लिंक नहीं खुला. अंततः  उन्हें जानकार लोगों से मदद लेनी पड़ी, तब लिंक खुला. 

आठवीं के छात्र विमल शुक्ला को भी स्कूल से लिंक भेज दिया गया, उन्हें भी लिंक ओपन करने नहीं आ रहा था, बाद में पड़ोसी के बच्चे ने उनकी समस्या दूर की. बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों के अधिकांश छात्र मोबाइल ना होने के कारण मायूस नजर आ रहे हैं. कई अभिभावकों की शिकायत है कि जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, क्या उनके बच्चे पढ़ाई न करें. सरकार ने यह कैसी व्यवस्था की है. चाल में रहने वाले दिनेश पाल ने कहा कि मेरे पास एक ही मोबाइल है, जो सामान्य मोबाइल है, हमारे बच्चे की पढ़ाई कैसे होगी?

वहीं दूसरी, तरफ निजी स्कूलों के छात्र पहले से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. इसलिए उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है. बीएमसी के कई स्कूल कोरोना वायरस के चलते क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिससे वहां शिक्षकों को आने में भी दिक्कत हुई. कुर्ला स्थित होली क्रॉस स्कूल का एक भाग कोरोना मरीजों के लिए क्वारंटाइन सेंटर गया है. दूसरे भाग में शिक्षक आए, उन्हें गूगल क्लासरूम और जूम जैसे तकनीक के बारे में समझाया गया. शिक्षक शिव शंकर राय ने बताया कि छात्रों को पहले ही टाइम टेबल के बारे में बता दिया गया है,  छात्रों को ऐप के बारे में जानकारी दी गई तथा उसे कैसे ओपन करना है, इसके बारे में भी जानकारी दी गई.

ड्यूटी को लेकर भी शिक्षक असमंजस में हैं. शिक्षणाधिकारी द्वारा बीएमसी के शिक्षकों को 15 जून को स्कूल में उपस्थित होने का सर्कुलर जारी किया गया था. अधिकांश शिक्षक आए भी, लेकिन यातायात की दिक्कतों के कारण कई शिक्षक स्कूलों में उपस्थिति नहीं दर्ज करा पाए.15 जून की देर रात्रि एक मैसेज व्हाट्सएप पर भेजा गया कि शिक्षक 16 अथवा 17 जून में से किसी एक दिन आ सकते हैं. कुछ शिक्षकों को जानकारी ना होने के कारण 16 की सुबह स्कूल नहीं पहुंचे, कुछ पहुंचे. ये शिक्षक 17 को स्कूल जाएंगे. शिक्षकों का कहना है कि इसके लिए पहले से सर्कुलर जारी करना चाहिए था. बीएमसी से संचालित चेंबूर कैंप हिंदी शाला, तिलकनगर हिंदी शाला, सुभाष नगर मराठी शाला, कुर्ला स्थित विनोबा भावे स्कूल, घाटकोपर स्थित पंतनगर स्कूल, शताब्दी स्कूल, घाटकोपर स्थित जयंती लाल स्कूल में पहले और दूसरे दिन शिक्षकों की उपस्थिति रही. इसके साथ ही छात्रों को चावल और बुक लेने के लिए बुलाया गया था.

शताब्दी स्कूल के शिक्षक बलदेव यादव ने बताया कि ज्यादातर छात्र गांव चले गए हैं, जो छात्र पहले और दूसरे दिन आए थे, चावल और बुक दिया गया. स्कूल में आए कुछ एजेंसियों के तकनीशियन ने गूगल और जूम, व्हाट्सएप ऐप आदि के जरिए छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के संबंध में तकनीकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे दिन मोबाइल में सब सेटअप तैयार किया गया. आगे ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की जाएगी. विलेपार्ले स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित रुइया हिंदी हाईस्कूल के शिक्षक रविंद्र सिंह ने कहा कि हम लोगों को नौवीं और दसवीं के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने के बारे में कहा गया है. उन्होंने कहा कि अधिकांश छात्र गांव गए हैंं. जो छात्र मुंबई में हैं, उन्हें ऑनलाइन के जरिए शिक्षा दी जाएगी.


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