वसई-विरार : स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलती गंदगी
नालासोपारा : एक ओर वसई-विरार शहर मनपा स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है. इसके बावजूद क्षेत्र में हर ओर गंदगी का साम्राज्य नजर आ रहा है. नालासोपारा पूर्व के धानिवबाग से पेल्हार फाटा मार्ग पर हर चंद कदम की दूरी पर कूड़े का अम्बार मनपा के सभी दावों की पोल खोल रहे हैं. जबकि मनपा के कई अधिकारी उक्क्त मार्ग से रोजाना कई बार आते जाते हैं. इसके बावजूद उनकी नजर इस कूड़े के ढेर पर नहीं पड़ती. इस बाबत पूछे जाने पर अधिकारियों का तर्क होता है कि दिन में 2 बार कूड़ा हटाया जाता है, लेकिन हटाने के कुछ देर बाद ही पुनः वहां कचरा जमा हो जाता है. जिसके कारण लोगों को नाक और मुह बन्द कर सांसे रोके हुए उस राह से गुजरना पड़ता है. इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि मनपा कर्मचारी क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए कब आते हैं और कब जाते हैं. इसका कोई ठिकाना नहीं रहता. लोगों का रास्ते से गुजरना दूभर इसके बाद भी उनके द्वारा कचरे की सफाई के लिए झाड़ू तो लगाया जाता है लेकिन उसे उठाया नहीं जाता. जिसके परिणाम स्वरूप साफ किया गया कचरा पुनः कुछ ही समय पर सड़कों पर फैल जाता है. इस क्षेत्र में व्याप्त गन्दगी के कारण लोगों का इस रास्ते से गुजरना दूभर बना रहता है. साथ ही इस गन्दगी के कारण बच्चे, बूढ़े और युवा सभी किसी न किसी बीमारी के कारण अस्पतालों की भीड़ बढ़ाते हैं.क्षेत्र में दुर्गंध का वातावरणरामजतन पाल ने बताया कि इस क्षेत्र में मनपा ने कूड़े की कुंडी रखी है, जिसमें नियमित रूप से कूड़े के न उठाए जाने से हर वक़्त कचरे का अंबार लगा रहता है. इसके चलते पूरे क्षेत्र में दुर्गंधयुक्त वातावरण रहता है और लोग मच्छर के काटने से बीमार होते हैं.शिकायत मिलने पर भेजते हैं कर्मचारीइस बाबत अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में सफाई के लिए जितनी व्यवस्था है उसके माध्यम से सफाई कार्य कराया जा रहा है, स्लम एरिया होने की वजह से हर गली में कूड़े की गाड़ियां नहीं जा पाती जिसके कारण दिक्कते आती हैं. इसके बावजूद यदि किसी क्षेत्र से शिकायत आती है तो कर्मचारी भेज कर सफाई कार्य करवाया जा रहा है.